Friday, July 11, 2008

मजे ऍफ़ एम् के

कल रात अपने मोबाइल पर लंबे समय बाद ऍफ़ एम् सुन रहा था। हमारे जयपुर शहर के ऍफ़ एम् वाले रात मैं दो तीन घंटे के लिए विविध bhaarti हो जाते हैं। पुराने gaane sunaate haain haanlaki gaane उतने पुराने नहीं होते जितने विविध bhaarti sunata है, लेकिन इतने jarur होते हैं की कुछ puraani यादें ताज़ा हो जाती हैं कमी सिर्फ़ एक ही लगती है की gaane बनाने वालों के बारे मैं आर je कुछ नहीं btaate। यह जानकारी to सिर्फ़ vivdh भरती पर ही मिलती है लेकिन वहां तरीका vahi बरसों purana है जो ऍफ़ एम् waalon की हमेशा चलने वाली chatar patar के बीच कई बार बहुत अच्छी लगती है। मैं यह to नहीं kahta की ऍफ़ एम् वाले भी विविध bhaarti हो jaayen लेकिन नए अंदाज़ मैं gaane bannae waalon की जानकारी to दे ही सकते हैं कई बार बहुत जरुरत mahsoos होती है खासकर tab जब की कोई purana gaana सुन रहे हों और फ़िल्म का नाम ही याद करने मैं dimag khap जाए। या gaane के बोल इतने अच्छे hoan की लिखने वाले का नाम jaanana jaruri हो जाए। जैसे कल हुआ जब film गीत gaata चल का title गीत सुन रहा था। गीत इतने अच्छी हिन्दी मैं है की सोचता रहा किसने लिखा होगा, लेकिन javaab कैसे मिले। gaana to ऍफ़ एम् पैर सुन रहे थे। to भइया ऍफ़ एम् waalon लिखने वाले bnanaane wale को भी याद कर लिया करो to आपको sunne का मज़ा dugna हो jaaye

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