Friday, July 25, 2008
कहाँ से चली बात कहाँ आ गई
संसद मैं पिछले दिनों जो हुआ उसे देख कर कोई आश्चर्य नहीं हुआ बल्कि लगा कीयह नहीं होता तो आश्चर्य होता आख़िर आप यह भी तो देखें की दाव किस किस के थे। एक तरफ़ अमर सिंघ जैसे प्रतापी तो दूसरी तरफ़ मर्दानी मायावती। परमाणु करार जिस पर सरकार संकट मैं आई वो तो न जाने कहाँ चला गया और केन्द्र मैं आ गई उत्तर प्रदेश की लडाई। हमारे तथाकथित राष्ट्रीय दल उन दलों की कठपुतली बन गए जिनका अस्तित्व उत्तर प्रदेश के बाहर मुश्किल ही कहीं दीखता है। ऐसे मैं संसद मैं नोट दिखाए गए तो क्या आश्चर्य। बस इतना हुआ की जो बातें हम सिर्फ़ सुनते थे उसे पुरे देश ने रियलिटी शो के रूप मैं देख लिया, कई सांसद तो खुश हो रहे होंगे की चलो अब आगे दिक्कत नहीं आयगी। धीरे धीरे यह भी सिस्टम मैं शामिल हो जायेगा। आख़िर कभी तो शुरुआत होनी ही थी। अभी तो लोग शिकयत कर रहे हैं, बाद मैं उन्हें आदत पड़ जायगी और जैसे ले दे कर काम कराने की प्रथा प्रचालन मैं आ गए वैसे ही विशवास मत जैसे मौकों पर सांसदों का रिश्वत लेना और कम मिले या लेते हुए कोई छिपा हुआ कैमरा पकड़ ले तो इमानदारी का चोल ओढ़ कर संसद मैं नोट लहरा देना अक्सर होने लगेगा। तो भविष्य मैं ऐसे कई रियलिटी शो देखने के लिए तैयार रहिये
Friday, July 11, 2008
मजे ऍफ़ एम् के
कल रात अपने मोबाइल पर लंबे समय बाद ऍफ़ एम् सुन रहा था। हमारे जयपुर शहर के ऍफ़ एम् वाले रात मैं दो तीन घंटे के लिए विविध bhaarti हो जाते हैं। पुराने gaane sunaate haain haanlaki gaane उतने पुराने नहीं होते जितने विविध bhaarti sunata है, लेकिन इतने jarur होते हैं की कुछ puraani यादें ताज़ा हो जाती हैं कमी सिर्फ़ एक ही लगती है की gaane बनाने वालों के बारे मैं आर je कुछ नहीं btaate। यह जानकारी to सिर्फ़ vivdh भरती पर ही मिलती है लेकिन वहां तरीका vahi बरसों purana है जो ऍफ़ एम् waalon की हमेशा चलने वाली chatar patar के बीच कई बार बहुत अच्छी लगती है। मैं यह to नहीं kahta की ऍफ़ एम् वाले भी विविध bhaarti हो jaayen लेकिन नए अंदाज़ मैं gaane bannae waalon की जानकारी to दे ही सकते हैं कई बार बहुत जरुरत mahsoos होती है खासकर tab जब की कोई purana gaana सुन रहे हों और फ़िल्म का नाम ही याद करने मैं dimag khap जाए। या gaane के बोल इतने अच्छे hoan की लिखने वाले का नाम jaanana jaruri हो जाए। जैसे कल हुआ जब film गीत gaata चल का title गीत सुन रहा था। गीत इतने अच्छी हिन्दी मैं है की सोचता रहा किसने लिखा होगा, लेकिन javaab कैसे मिले। gaana to ऍफ़ एम् पैर सुन रहे थे। to भइया ऍफ़ एम् waalon लिखने वाले bnanaane wale को भी याद कर लिया करो to आपको sunne का मज़ा dugna हो jaaye
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