Wednesday, May 14, 2008

मेरे शहर मैं धमाके

कल शाम मेरा शहर जयपुर धमाकों से काँप उठा अब तक आतंकवादी नज़रों से बचा रहने वाला यह अमनपसंद शहर भी अब उन शहरों की लिस्ट मैं शामिल हो गया जो आतंकवादियों के निशानोंपर है जयपुर के बारे हम कभी सोच भी नहीं पाते थे की यहाँ कभी ऐसा भी कुछ हो सकता है दंगे का दंश यह शहर झेल चुक्स है लेकिन इसके बाद यहाँ जो कुछ हो रहा था उसे देख कर लगता था की अब लोगों की चिंता और बातों से ज्यादा अपनी जेब को लेकर है और जहाँ ऐसा होता है वहां लोगों को दंगे जैसे मामले बहुत फिजूल लगने लगते हैं
लेकिन मंगलवार को जो कुछ हुआ उसने एक दूसरा ही डर पैदा कर दिया जिसके बारे मैं सच पूछो टू यहाँ के लोगों ने ना कभी सोचा था और ना वैसी सतर्कता बरती थी इस शहर के लोगऐसे मामलों मैं बहुत ज्यादा सजग नहीं है शहर की चौराहे रात रात भर जागते रहें हैं रात के तीन बजे भी आपको इस शहर के बड़े चौर्हों पर चाय मिल जाती थी, लेकिन अब शायद यह मजार इस शहर मैं देखने को नहीं मिलेगा अब तक एक अमपसंद शहर की तरह यहाँ की सुरक्षा कर रही पुलिस अब कुछ ज्यादा सजगता बरतेगी और इस सजगता मैं इस शहरका मूल स्वाभाव खो जायगा